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सोमवार, 25 नवंबर 2013

स्पर्श .........

आँसू सूखने का 
भ्रम सा था
बहुत महीन हो गये 
थे , और ठंडे ....
जैसे बर्फ पर रखा 
हाथ  , कुछ पल बाद 
हो जाता है 
हर अहसास से मुक्त ……

लेकिन ,अब ये ऊष्मा कैसी…! ! 

मोटी बड़ी बूंदों से 
ढुलक आते है 
बात बात पर ……
स्नेहिल स्पर्श से 
बारिश की बूँद से 
टप.…टप.…टप....  !! 
भाव की  ऊष्मा 
से ,महक उठा 
मिटटी का मन  
शायद से ....... 

रविवार, 24 नवंबर 2013

यात्रा ......

कितना अच्छा हो
बच्चों को पढाया जाये 
अ-से अनुज (अनादि )
आ-से आनंद … 

अक्षर से शब्द की यात्रा 
हो जाएगी  सरल … 
और  
वाक्य विन्यास में 
लिख पाएगा 
फिर वही  ,
लिखना चाहेगा  
जो वो कहीं .............. !!

{प्रेरणा स्रोत -अ-से-अनुज }

-अंजू अनन्या-

सोमवार, 18 नवंबर 2013

प्रेम ..........

तुम 
कब थे अलग मुझसे 
सोये थे मुझमें 
मुझी से ......

जागे हो जो अब ,
नज़र आते हो 
हर कहीं पे ......

पानी आँख में 
उतर आए ,संजीवनी 
 हथेलियों में जैसे......

कोई इतना भी प्रेम 
कर सके है किसी से 
कि छुप के बैठा रहे 
खुद , खुदी से ...........


शनिवार, 9 नवंबर 2013

जब.… तब..... अब........! ?


जब चाहिए था 
स्नेह …

तब बोयी 
नफरत ,घृणा 
यूँ  आदी हो गई (जमीं )

अब बंजर जमीं से 
हरियाली पोशाक 
और 
गुलाबी खुशबू की 
उम्मीद क्यूँ  .......... ?!!


सडक और रास्ता ...(२)

(२)

सड़क  
चलना चाहती थी  
साथ साथ 
पर खोदते रहे बारम्बार …   

बन  गया 
एक गड्ढा गहरा 
बरसात  मौसम में  
भर जाता है पानी 
भिनभिनाते हैं मच्छर……!

तपती लू में 
ज़मी सोख लेती है पानी 
भुरभुराने लगती है 
मिटटी ……

भरने की कोशिश में 
सड़क का कटना  
रहता है जारी … 
 

सड़क और रास्ता .......(१)


(१) 

सड़क  
चलना चाहती थी  
साथ साथ 
पर खोदते रहे बारम्बार …   

सड़क कटती रही 
रास्ते से 
बन  जो गया 
एक गड्ढा …. 

अब 
सड़क निश्चिन्त है 
और, सम्भलना 
रास्ते को है ……… 



बुधवार, 6 नवंबर 2013

'जल' से ........

'पानी' का मैलापन 
बोला 'जल' से 
मत ठहरो ,बहते जाओ 
छोड़ घाट 
कल-कल से ………… 

बहना … तुम्हारी प्रवृति है  … 
रुकना पानी की  'नियति..........

नियति चक्र को पार कर  
मिट जायेगा मैलापन 
तब भाप सा उड़ता 
ठहर जाउंगा किसी 
श्वेत कण सा 
हिम शिखर पर  
....... 

सूरज का ओज 
देगा पिघला 
बह आऊंगा तुममे 
जल होकर ……

तब  मिल जाना तुम 
मुझे 
उसी तलहटी पर 
न हो पाऊँ अलग कभी 
घुल जाऊं ,तुममे 
तुम होकर  ………… !!!